राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान

उद्देश्य:-
योजना का उद्देश्य पंचायतों एवं ग्राम सभा की क्षमता व प्रभावशीलता में अभिवृद्धि पंचायतों में आम-आदमी की भागीदारी की प्रोन्नति, पंचायतों को लोकतांत्रिक रूप से निर्णय लेने एवं उत्तरदायित्व निभाने हेतु सक्षम बनाना, जानकारी एवं पंचायतों की क्षमतावृद्धि हेतु पंचायतों के संस्थागत ढांचे को मजबूत करना, 73वां संविधान संशोधन की भावना के अनुरूप अधिकारों एवं उत्तरदायित्वों का पंचायतों को सुपुर्दगी, पंचायती राज व्यवस्था के अन्तर्गत जन सहभागिता, पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व को सुनिश्चित करने हेतु ग्राम सभाओं का सुदृढ़ीकरण तथा संवैधानिक व्यवस्था के पंचायतों को सशक्त रूप देना है।
विस्तार:-
यह योजना देश के सभी राज्यों एवं संघशासित क्षेत्रों में चलाई जायेगी। राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान / राजीव गांधी पंचायत सशक्तीकरण योजना के अन्तर्गत दिये गये मार्ग-निर्देशों के अनुसार उक्त योजना में उल्लिखित विभिन्न कार्यों में से राज्य सरकार अपनी आवश्यकताओं के अनुसार प्रथम वर्ष के लिए वार्षिक कार्ययोजना तथा 12वीं पंचवर्षीय योजना काल हेतु दीर्घयोजना बनायेगी। राज्य निर्वाचन आयोग एवं राज्य वित्त आयोग भी अपनी योजना बनाकर पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार को प्रस्तुत कर सकेगी, जिन पर राज्य सरकार के परामर्श से विचार किया जा सकेगा।

राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान - सम्बंधित दस्तावेज
57691

Gram Panchayats

826

Block Panchayat

75

District

56,642

Panchayat Bhawan

हमारे बारे में

पंचायती राज व्यवस्था (उ० प्र०) में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, और जिला पंचायत आते हैं। पंचायती राज व्यवस्था आम ग्रामीण जनता की लोकतंत्र में प्रभावी भागीदारी का सशक्त माध्यम है। 73वाँ संविधान संशोधन द्वारा एक सुनियोजित पंचायती राज व्यवस्था स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त किया गया है। 73वां संविधान संशोधन अधिनियम के लागू होते ही प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के पंचायत राज अधिनियमों अर्थात् उ.प्र. पंचायत राज अधिनियम-1947 एवम् उ.प्र. क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम-1961 में अपेक्षित संशोधन कर संवैधानिक व्यवस्था को मूर्तरूप दिया गया। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1995 में एक विकेन्द्रीकरण एवं प्रशासनिक सुधार आयोग का गठन किया गया था

विभागीय उपलब्धियाँ