पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि
भारत सरकार द्वारा प्रायोजित पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि योजना (बैकवर्ड रीजन ग्रान्ट फन्ड) वर्ष 2007-08 से प्रदेश के 35 जनपदों में चलायी जा रही है। इस योजना के क्रियान्वयन, सुचारू रूप से संचालन से सम्बन्धित महत्वपूर्ण नीति विषयक निर्णय तथा योजनान्तर्गत जिला योजना समिति से तैयार की गयी जिला योजनाओं के अनुमोदन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च शक्ति प्राप्त समिति का शासनादेश संख्या-2832/33-3-2007-335/2006 दिनांक 28 दिसम्बर, 2007 द्वारा गठन किया गया है। उक्त शासनादेश के प्रस्तर-3 के अन्तर्गत पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि यो जना के प्रभावी नियोजन, क्रियान्वयन व अनुश्रवण तथा इसमें सन्निहित अनेकानेक गतिविधियों के सुचारू रूप से संचालन के लिए प्रमुख सचिव, पंचायतीराज के अधीन परियोजना प्रबन्ध इकाई (पी0एम0यू0) का भी गठन किया गया है। वर्ष २०१२-१३ से योजना में एक नया जिला कासगंज सम्मिलित करने के कारण योजना में सम्मिलित जनपदों की संख्या ३५ हो गयी है|
योजना के प्रमुख उद्देश्य
योजना का उद्देश्य विकास कार्यों में ऐसे क्रिटिकल गैप्स को पूरा करना है जो अन्य योजनाओं से छूट गये हैं।
योजना निर्माण एवं स्वीकृति की प्रक्रिया
इस धनराशि से त्रिस्तरीय पंचायतें एवं नागर निकायें अपनी विकास योजनायें तैयार करेंगी। ग्राम पंचायतें अपनी योजनाएं समेकित करते हुए अपनी योजनाएं बनायेंगी और क्षेत्र पंचायत को भेजेंगी| क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायतों की योजनाओ को समेकित करते हुए अपनी योजना बनाएगी और इसे जिला पंचायत को भेजेगी| क्षेत्र पंचायतों की योजाओं को समेकित कर जिला पंचायत अपनी योजना बनायेगी। इस प्रकार त्रिस्तरीय पंचायतों व नागर निकायों की समे कित योजनाओं को जिला योजना समिति द्वारा अनुमोदित किया जायेगा। तत्पश्चात् धनराशि अवमुक्त करने के लिए योजनाएं भारत सरकार को भे जी जायेंगी।