स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) - योजना का उद्देश्य

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) का मुख्य उद्देश्य निम्नानुसार है।
क) ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य जीवन स्तर में सुधार करना।
ख) देश में सभी ग्राम पंचायतों द्वारा स्वच्छ स्थिति प्राप्त करने के साथ 2019 तक स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लक्ष्य को हासिल करने के लिए स्वच्छता कवरेज में तेजी लाना।
ग) जागरूकता सृजन और स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से स्थायी स्वच्छता सुविधाओं को बढ़ावा देने वाले समुदायों और पंचायती राज संस्थाओं को प्रोत्साहित करना।
घ) पारिस्थितिकीय रूप से सुरक्षित और स्थायी स्वच्छता के लिए किफायती तथा उपयुक्त प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना।
ङ) ग्रामीण क्षेत्रों में संपूर्ण स्वच्छता के लिए ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर विशेष ध्यान देते हुए, समुदाय प्रबंधित पर्यावरणीय स्वच्छता पद्धति विकसित करना।

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)

  पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय - (MDWS)

  GOI Letter IEC Funds for States - 18/July/2013

  GOI Letter reg Implementation of IHHL under MGNREGA and clusterwise id - 13/June/2013

  NBA Final Guidelines (Hindi)

  NBA Guidelines Final (English)

  निर्मल भारत अभियान की अनुदान संख्या -14 के अंतर्गत प्रस्तावित एवं आवंटित धनराशी

  निर्मल भारत अभियान की अनुदान संख्या -83 के अंतर्गत प्रस्तावित एवं आवंटित धनराशी

  निर्मल भारत अभियान की अनुदान संख्या -81 के अंतर्गत प्रस्तावित एवं आवंटित धनराशी

  निर्मल भारत अभियान की अनुदान संख्या -83 के अंतर्गत प्रस्तावित एवं आवंटित धनराशी

  शौचालयों के सम्बन्ध में किये गये सर्वे के अनुसार संकलित सूचना का विवरण

  बैंक ऑफ मैनुअल स्केवेंजर्स मास्टर 27 मई 2014

  भारत सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के दिशानिर्देश

  राज्य द्वारा स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के दिशानिर्देश (यू.पी.)

  स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के सरकारी आदेश

  पंचायती राज विभाग, उ0प्र0। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों हेतु विभाग के कार्यक्रमों पर संक्षिप्त टिप्पणी



57691

Gram Panchayats

826

Block Panchayat

75

District

56,642

Panchayat Bhawan

हमारे बारे में

पंचायती राज व्यवस्था (उ० प्र०) में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, और जिला पंचायत आते हैं। पंचायती राज व्यवस्था आम ग्रामीण जनता की लोकतंत्र में प्रभावी भागीदारी का सशक्त माध्यम है। 73वाँ संविधान संशोधन द्वारा एक सुनियोजित पंचायती राज व्यवस्था स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त किया गया है। 73वां संविधान संशोधन अधिनियम के लागू होते ही प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के पंचायत राज अधिनियमों अर्थात् उ.प्र. पंचायत राज अधिनियम-1947 एवम् उ.प्र. क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम-1961 में अपेक्षित संशोधन कर संवैधानिक व्यवस्था को मूर्तरूप दिया गया। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1995 में एक विकेन्द्रीकरण एवं प्रशासनिक सुधार आयोग का गठन किया गया था

विभागीय उपलब्धियाँ