पंडित दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार

उद्देश्य:
1. पंचायतों को जवाबदेह संस्था के रूप में विकसित किये जाने हेतु प्रोत्साहित किया जाना।
2. पंचायतों को अधिनियम व नियम के अनुसार कार्यवाही करने हेतु प्रोत्साहित किया जाना।
3. उत्कृष्ट कार्य करने वाली पंचायतों को पुरूष्कृत किया जाना।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार

पंडित दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार, पंचायत को स्वयं को सौंपे गये दायित्वों के अनुसार कृत्यशीलता की ओर अग्रसर करने हेतु एक कारगर माध्यम है। पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित उक्त योजना प्रदेश में वर्ष 2011-12 से लागू है। वर्ष 2013-14 से उक्त योजना को राजीव गांधी पंचायत सशक्तीकरण अभियान में संविलीन कर दिया गया है। प्रदेश में वर्ष 2011-12 तथा 2012-13 में निश्चित मानकों के आधार पर क्रमशः वर्ष 2010-11 तथा वर्ष 2011-12 में सर्वोत्कृष्ट कार्य करने वाली ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायतों से प्राप्त सूचनाओं एवं उनके सत्यापन के आधार पर प्रत्येक वर्ष 26 ग्राम पंचायतों, 4 क्षेत्र पंचायतों एवं 2 जिला पंचायतों को चयनित किया गया था। इन पंचायतों के प्रतिनिधि के रूप में उनके प्रधान/प्रमुख तथा अध्यक्षों को भारत सरकार के स्तर पर 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायत दिवस के अवसर पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया था। उक्त योजना के अन्तर्गत पुरस्कृत की जाने वाली पंचायतों को वर्ष 2011-12 के सापेक्ष प्रशस्ति पत्र के साथ-साथ प्रति ग्राम पंचायत रू. 7 लाख, क्षेत्र पंचायत रू. 15 लाख तथा जिला पंचायत रू. 25 लाख की धनराशि से पुरस्कृत किया गया था। वर्ष 2012-13 में इस पुरस्कार की धनराशि को बढ़ाकर ग्राम पंचायत के लिए रू. 9 लाख, क्षेत्र पंचायत के लिए रू. 20 लाख तथा जिला पंचायत के लिए रू. 40 लाख कर दिया गया।
गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी सर्वोत्कृष्ट पंचायतों को पुरस्कृत करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा पंचायत सशक्तीकरण एवं उत्तरदायित्व प्रोत्साहन योजना के क्रियान्वयन का निर्णय लिया गया है। योजनान्तर्गत चयन की पूर्व निर्धारित प्रक्रिया के अन्तर्गत चयनित सर्वोत्कृष्ट 02 जिला पंचायतों, 04 क्षेत्र पंचायतों तथा 26 ग्राम पंचायतों को चयन कर पुरस्कृत किया जायेगा।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार (सम्बंधित दस्तावेज)
57691

Gram Panchayats

826

Block Panchayat

75

District

56,642

Panchayat Bhawan

हमारे बारे में

पंचायती राज व्यवस्था (उ० प्र०) में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, और जिला पंचायत आते हैं। पंचायती राज व्यवस्था आम ग्रामीण जनता की लोकतंत्र में प्रभावी भागीदारी का सशक्त माध्यम है। 73वाँ संविधान संशोधन द्वारा एक सुनियोजित पंचायती राज व्यवस्था स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त किया गया है। 73वां संविधान संशोधन अधिनियम के लागू होते ही प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के पंचायत राज अधिनियमों अर्थात् उ.प्र. पंचायत राज अधिनियम-1947 एवम् उ.प्र. क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम-1961 में अपेक्षित संशोधन कर संवैधानिक व्यवस्था को मूर्तरूप दिया गया। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1995 में एक विकेन्द्रीकरण एवं प्रशासनिक सुधार आयोग का गठन किया गया था

विभागीय उपलब्धियाँ